अथर्व वेद में ऐसा उल्लेख है कि जो भी व्यक्ति वैदिक मंत्रों द्वारा सहस्त्रार्चन करता है जिसमें भगवान श्री सिद्ध गणेश जी के एक हजार नामों के जप के साथ उन्हें एक हजार वस्तुएँ अर्पित करते है, श्री सिद्ध गणेश जी उसकी इच्छित मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं एवं समस्त कष्ट, बाधाओं का निवारण होता है|