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भगवान श्री सिद्ध गणेश की स्थापना कैसे हुई?
ब्रम्हर्षि स्वामी रामबहादुर जी महाराज महंत श्रीरामललामंदिर, ग्वारीघाट, जबलपुर, श्री रामलला मंदिर के संस्थापक परम तपस्वी सिद्ध गृहस्थ संत स्वामी रामनिरंजन जी के पुत्र स्वामी रामनिरंजनाचार्य जी के स्वर्गवास होने के पश्चात श्री रामलाल मंदिर का संचालन करते रहे है, वह हमेशा श्री रामचन्द्र और हनुमान जी की सेवा व पूजन अर्चन में संलग्न रहते थे, उसी दौरान उन्हें ऐसी देवीय प्रेरणा प्राप्त हुई कि जबलपुर जो कि धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है और सभी श्रद्धालु माँ नर्मदा के दर्शन के लिए आते है| यहाँ पर श्री गणेश जी की स्थापना की जाये व मंदिर का निर्माण किया जाये क्योंकि कोई भी शुभ कार्य बिना महा गणेश जी के पूजन अर्चन के संभव नहीं है, इसी विचार के साथ स्वामी जी ने माँ रेवा तट पर श्री सिद्ध गणेश जी के वक्रतुंड स्वरुप का विग्रह स्थापित करने का विचार बनाया| उसी के पश्चात् 26 नवम्बर 2001 (मास कार्तिक शुक्ल एकादशी) को जबलपुर नगर (जबालिपुरम) के समत संत , विद्वान , धर्माचार्यों की उपस्थिथी में वेद मंत्रोच्चार के बीच भगवान श्री सिद्ध गणेश जी के मंदिर का शुभारंभ शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ | जिसमें नगर के हर वर्ग के वरिष्ट नागरिकों, समाज सेवियों ने इस पुनीत कार्य का लाभ लिया| मंदिर निर्माण की रूपरेखा हेतु अनेक वास्तुविद शिल्पज्ञों से सलाह ली गई | जिनमें इंजी. आर. एन. नेमा, सुनील जैन, शरद जैन , संजय रूसिया, राजू जैन, दिशांत ठाकुर, प्रवीण सिंह आदि का विशेष सहयोग रहा, कितु भगवान श्री सिद्ध गणेश जी के मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका रदा कन्स्ट्रकशन घंटाघर जबलपुर के मोहम्मद युनुस रदा की रही| भगवन श्री सिद्ध गणेश जी ने मंदिर निर्माण कार्य में रदा जी की सेवाओं को स्वीकार किया मुस्लिम समुदाय का होते हुए भी इंजिनियर रदा जी ने बिना किसी आकांक्षा लाभ लालच के भगवन श्री गणेश जी की ह्रदय से सेवा की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करते रहे भगवान श्री गणेश जी कृपा सदैव उन पर बनी रहे उत्तरोत्तर उन्नति करें यही भगवन श्री गणेश से प्राथना है| प्रारंभ में मंदिर को भूमितल से 5-6 फिट ऊपर उठाकर बनाने का निश्चय किया गया, किन्तु जब भूमि खुदाई प्रारंभ हुई तो अनायाश ही चार फिट नीचे भगवन श्री गणेश प्रकट हो गए दो ढाई फिट उंची प्राचीन प्रतिमा का स्वरुप प्रकट हुआ श्री गणेश जी जहाँ प्रकट हुए थे उन्हें उसी जगह स्थापित कर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ | भगवान अपने भक्तों की परीक्षा लेते है उसी श्रद्धा भक्ति और इष्ट के प्रति समर्पण विश्वास की| श्री सिद्ध गणेश मंदिर निर्माण में भगवान ने परीक्षा लिया| जैसे ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ होकर भूतल का निर्माण होकर छत पड़ी उसी समय भारत सरकार की योजना के अंतर्गत जबलपुर-गोंदिया छोटी लाइन को बड़ी रेल लाइन में बदले जाने का रेलवे की सर्वेक्षण टीम ने श्री सिद्ध गणेश मंदिर परिसर से ही रेलवे लाइन डाले जाने वहां प्लेट फॉर्म स्टेशन यार्ड बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया जिला प्रशासन के पास भूमि अधिग्रहण हेतु पत्र तथा पैसे भी रेलवे द्वारा जमा कर दिया गया| जिला प्रशासन के पास भूमि अधिग्रहण हेतु समाचार पत्रों के माध्यम से सार्वजनिक विज्ञप्ति की गई कि तथा गणेश मंदिर के विरुद्ध केश रजिस्टर का आदेश दिया गया तथा रेलवे के अधिकारी भी काम बंद कर देने हेतु निरंतर दबाव बनाये रहे ऐसी बिषम परिस्तिथि में विघ्नेश्वर के मंदिर का कार्य अविराम चलता रहा और 10 सितम्बर 2002 (श्री गणेश जन्मोत्सव) भद्र चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) को जयपुर से लाकर भगवान श्री सिद्ध गणेश कि चतुर्भुजी दक्षिणमुखी विशाल एवं भव्य आकर्षक मनोहर प्रतिमा स्थापित हुई लोगों का ऐसा मानना है कि इतनी बड़ी ऐसी सुन्दर श्री गणेश जी कि प्रतिमा जबलपुर तो क्या पूरे मध्यप्रदेश में कंही नहीं है| भगवान श्री गणेश विघ्नेश्वर रिद्धि-सिद्धि के स्वामी शुभ-लाभ के जनक है| जहाँ श्री गणेश पूजा होती है, वहां रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ स्वयंमेव बिना बुलाये ही पहुँच जाते है| श्री सिद्ध गणेश मंदिर निर्माण में उक्त बात अक्षरश: सत्य सिद्ध हुई है, बिना किसी याचना के चंदा किये बिना भगवान श्री गणेश का इतना विशाल सुन्दर स्वरुप बन जाना ही इस बात का प्रमाण है कि श्री गणेश जी के रिद्धि-सिद्धि ही सभी काम करा रही हैं| जब जिसको भगवान श्री गणेश कि सेवा करना होता है भगवान स्वयं भक्त को प्रेरित करते हैं| जब से भगवान श्री सिद्ध गणेश जी की स्थापना श्री सिद्ध गणेश मंदिर में हुई है| असंख्य लोगों को बीमारी, बाधाओं, प्रकोपों आदि से मुक्ति मिली है नौकरी विकट व्यापारिक कार्यों में सफलता मिली है हजारों लोग भगवान श्री सिद्ध गणेश की कृपा प्रसाद से अपने आप को धन्य कर चुके हैं प्रार्थना करने वालों का क्रम निरंतर बढ़ता जा रहा हैं| श्री सिद्ध गणेश मंदिर परिवार श्री सिद्ध गणेश जी से यहीं प्रार्थना करतें हैं आप सभी भक्तों के जीवन में श्री सिद्ध गणेश जी कृपा हमेश बनी रहें जय श्री सिद्ध गणेश |
|| श्री सिद्ध गणेश मंदिर जबलपुर ||